फिर भी जनाब अब यदि आपको कोई मुसलमान होने की वजह से कोई आतंकवादी आतंकवादिकहे तो आपकी दिमागी हालत मुझे बयान करने की ज़रूरत नही है इसलिए यदि वादविवाद करना है तो तर्क के साथ करें बेवकुफों की तरह झुंझलाए नही गली बकनी हर किसी को आती है मज़ा तभी आता है जब मंच का इस्तेमाल स्वस्थ वाद विवाद से हो